Priyanka Verma

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लेखनी - दुनिया और दुनियादारी


दुनिया और दुनियादारी



कैसी है ये दुनिया, कैसी है दुनियादारी?
भीड़ में खड़े हैं हम, फिर भी अकेलापन है भारी,
सन्नाटों के बीच, अंतर्मन का शोर है जारी
बातें सब करते हैं बहुत,
दिखाता नही कोई अपनी समझदारी,


घर आंगन की दुनिया, सिमट गई मोबाइल पर
बढ़ गई साझेदारी, सिर्फ सोशल मीडिया पर

अपने नौनिहालों को, सही दिशा दिखलाने की

अब कोई नहीं लेता जिम्मेदारी,
स्वार्थ से भर गई दुनिया, स्वार्थी हो गई दुनियादारी।।


प्रियंका वर्मा

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5 Comments

Swati chourasia

21-Jul-2022 06:51 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Reyaan

21-Jul-2022 01:02 AM

बहुत खूब

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Milind salve

21-Jul-2022 12:26 AM

बहुत खूब

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